Skip to main content

असमानिया या एफेड्रा

असमानियां
(एफेड्रा)
औषधीय गुण
असमानियां की टहनियों को शरद ऋतु में इकट्ठा करके, सुखाकर औषधि में प्रयोग करते हैं। असमानियां से 'एफेड्रीन' निकलती है। यह दमा (विशेषकर श्वास नली की सूजन के कारण हुआ दमा) में लाभप्रद है। दमे के दौरे को शांत करने के लिए औषधि
का सेवन मुख से कराते हैं अथवा इंजेक्शन भी देते हैं। यही औषधि हृदय के लिए बलकारक व उत्तेजक है। यदि हृदय पर निमोनिया, डिप्थीरिया आदि का प्रभाव हो
गया हो, तो यह औषधि हृदय की गति को उन्नत करने के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई है।
यह 'हे-फीवर' नामक रोग, खुजली तथा एलर्जी से उत्पन्न रोगों में प्रयुक्त होती है। असमानियां से बनी अनेक औषधियां आजकल काम आती हैं। ये नाक में छिड़कने की औषधियां, दमा, साइनोसाइटिस तथा श्लेष्मा की सूजन पर लाभप्रद होती हैं। यह मूत्राशय के लिए हितकर है और इस कारण जिन बच्चों को रात्रि में बिस्तर में
पेशाब करने का रोग हो जाता है, उनको लाभ पहुंचाती है।
इसके अधिक सेवन से मतली (मिचली), अत्यधिक पसीना और त्वचा रोग हो जाते हैं।
वैज्ञानिक (लैटिन) नाम, कुल, अन्य नाम तथा विवरण
वैज्ञानिक नाम : एफेड्रा गेरार्डिआना (Ephedragerardiana all.)
(कुल-नीटेसिए)
अन्य नाम
: हिंदी- फोक, खंदा
पंजाबी- बुदशुर
(जौनसार-तूतगांठा)
वर्णन
यह पौधा लगभग एक मी. ऊंचा, झाड़ीनुमा होता है। इसकी शाखाएं कड़ी, मजबूत और अत्यंत विभाजित होती हैं। शाखाएं चक्करदार होती हैं अर्थात् एक गांठ पर कई
निकलती हैं। वह प्रायः ऊपर की ओर मुड़ी होती हैं। पत्ते छोटे 'शीथ' जैसे होते हैं।
नर पुष्प कई-कई एक साथ, छोटी अंडाकार स्पाइकों में लगते हैं। मादा पुष्प एक
स्पाइक में केवल एक-दो ही होते हैं। फल 7-10 मिमी. लंबा, अंडाकार, लाल रंग का
होता है और सरस सहपत्रों में ढका रहता है।
प्राप्ति-स्थान
यह पौधा हिमालय पर्वत की ऊंची, अंदर की, शुष्क श्रेणियों में, प्रायः 2,000-4,000
मी. ऊंचाई के स्थानों में होता है। इसकी खेती भी की जाती है।
अन्य जातियां
असमानियां के वंश की अन्य जाति एफेड्रा माजोर (Ephedra major Host) लाहुल
में होती है। इसमें असमानियां से भी अधिक एल्केलाइड होते हैं, इस कारण दोनों ही
जातियों की शाखाएं मानक औषधि समझी जाती हैं।
औषधि में प्रयोग करने के लिए एफेड्रीन नियमित रूप से मिलती रहे, इसके लिए
आवश्यक है कि इन दोनों जातियों की अथवा दो चीनी जातियों एफेड्रा एक्युईसेटिना-
Ephedra equisetina Bunge एवं एफेड्रा सिनिका- Ephedra sinica Stapf
की खेती की जाए। चीन वाली दोनों जातियों में एफेड्रीन की मात्रा भारतीय पौधों से अधिक है।
कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश व उत्तर प्रदेश की ऊंची पहाड़ियों के क्षेत्र असमानियां वंश के पौधे की खेती के लिए उपयुक्त बताए जाते हैं।